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    Advantage of Java Servlets in hindi

    जावा सर्वलेट्स  के बहुत से लाभ है | उनमे से कुछ लाभ इस प्रकार है |

    1. इन-प्रोसेस रन होने की capacity 
    2. Compiled 
    3. क्रैश-रेसिस्टेंट 
    4. क्रॉस प्लेटफार्म 
    5. डयूरेबल  
    6. डायनामिक लोडिंग 
    7. मल्टीथ्रीडिंग 
    8. प्रोटोकॉल इंडिपेंडेंट 
    9. क्रॉस सर्वर 
    10. रिटेन इन जावा 


    • इन-प्रोसेस रन होने की capacity:- सर्वलेट्स  इन-प्रोसेस रन होते हैं | इसलिए सर्वलेट्स  को केवल एक ही बार लोड किया जाता है | सर्वलेट्स  मल्टीथ्रेड होते हैं , इसीलिए सर्वलेट्स  पर एक साथ बहुत सरे थ्रेड्स को रन किया जा सकता है और इसीलिए एक समय में अनेक क्लाइंट्स की रिक्वेस्ट को अलग अलग थ्रेड बनाकर रेस्पोंद किया जा सकता है | इसी capacity के कारण क्लाइंट रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने के लिए अलग प्रोसेस क्रिएट करने की जरूरत नहीं पड़ती है | 
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    • Compiled  :- सर्वलेट्स  को जावा बाइट कोड में किया जाता है,जिसके कारण ये बहुत जल्दी एक्सेक्यूटे हो जाते हैं |  कंपाइलेशन के कारण एरर टाइप चेकिंग की सुविधा भी प्राप्त हो जाती है | कंपाइलेशन के कारण ही सर्वलेट्स  ज्यादा स्टेबल होता है | सर्वलेट्स  को डेवेलोप और डिबग करना भी बहुत आसान होता है | 
    • क्रैश-रेसिस्टेंट :- सर्वलेट्स  किसी भी  तरह की क्रैश से safe होते है | क्योंकि सर्वलेट्स  को जावा में लिखा जाता हैं और इनको जावा वर्चुअल मशीन -जेवीएम से एक्सेक्यूट किया जाता है , और जेवीएम में डायरेक्ट मेमोरी को एक्सेस नहीं किया जाता है | इसीलिए सर्वलेट्स  क्रैश नहीं होते है | जेवीएम में एक्सेक्यूशन पहले ये वेरीफाई किया जाता है की जो जावा क्लास फाइल compile की जाने वाली हैं | वो वैलिड है, की नहीं |
    • क्रॉस प्लेटफार्म :-  जावा की "राइट वन्स-रन एनीवेयर " capacity के कारण सर्वलेट्स  को रीराइट किए बिना किसी भी प्लेटफार्म पर डिस्ट्रीब्यूट कर सकते है | सर्वलेट्स  बिना किसी मॉडिफिकेशन के एक ही तरह से सभी प्लेटफार्म पर काम करते है |  
    • डयूरेबल :-  सर्वलेट्स  एक प्रकार का  डयूरेबल क्लास ऑब्जेक्ट है | यह मेमोरी में तब तक रहता है , जब तक इसको डिस्ट्रॉय न किया जाए | सर्वलेट्स  को अनेक रिक्वेस्ट के लिए सिर्फ एक बार  ही इनीशिएट किया जाता है | सर्वलेट्स  की मदद से अन्य क्लास ऑब्जेक्ट भी बनाए जा सकते है | जैसे - पहली बार लोड होते समय सर्वलेट्स  द्वारा एक डेटाबेस कनेक्शन बनाया जाता है और कनेक्शन को सभी रिक्वेस्ट के साथ शेयर किया जाता है | 
    • डायनामिक लोडिंग :- सर्वलेट्स  को लोकली और नेटवर्क पर डायनेमिकली लोड किया जाता है | जिससे यह पक्का हो जाता है, कि जो अनयूज्ड सर्वलेट्स वो सिस्टम रिसोर्सेज का प्रयोग तो नहीं कर  रहे है | इनको जरूरत के समय पर ही लोड किया जाता है | 
    • मल्टीथ्रीडिंग :- जावा मल्टीथ्रीडेड है , इसलिए सर्वलेट्स भी मल्टीथ्रीडेड होते है | इसीलिए एक ही प्रोसेस से सारे क्लाइंट्स की रिक्वेस्ट को संभाला जा सकता है | इसी दृष्टिकोण को कम रिसोर्सेज की जरूरत होती है और यह जल्दी से एक्सेक्युट हो जाते है | 
    • प्रोटोकॉल इंडिपेंडेंट :- हम जानते है कि  जावा एक प्रोटोकॉल इंडिपेंडेंट प्रोगरामिंग लैंग्वेज है और इसीलिए सर्वलेट्स भी मल्टीथ्रीडेड होते है | इसीलिए सर्वलेट्स सभी प्रोटोकॉल्स पर काम करते है | जैसे - फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल कमांड्स , पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल -पॉप.3 ,एचटीटीपी , सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल-एसएमटीपी, टेलनेट और सभी प्रोटोकॉल्स 
    •  क्रॉस सर्वर :-  सर्वलेट्स लगभग सभी वेब सर्वर्स पर काम कर सकते है | 
    •  रिटेन इन जावा :- सर्वलेट्स को जावा लैंग्वेज में लिखा जाता है , इसीलिए ये कई सुभिधाए देते है | जैसे - ट्रू ऊप्स बेस्ड लैंग्वेज , स्ट्रांग टाइप चेकिंग , ऑप्टीमाइज़्ड कोड , मल्टीथ्रीडिंग सपोर्ट , बिल्ट-इन सिक्योरिटी , ऑटोमेटिक  गारबेज कलेक्शन,बिल्ट-इन नेटवर्क सपोर्ट और यूनिकोड की सहायत से बिल्ट-इन इण्टरनॅशनलिज़शन | 

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